मोबाइल जर्नलिज्म (Mobile Journalism) एक रोचक और चुनौतीपूर्ण कार्य है। यदि आप में कुछ अलग करने का जज्बा है या कुछ नया कर दिखाने की इच्छा है तो (Mobile Journalism) “मोजो” आपके लिए बेहतर है।
बचत वाला प्रोफेशन है मोबाइल पत्रकारिता (Mobile Journalism)
साहस, जिज्ञासा, आत्मविश्वास और चुनौती स्वीकार करने की शक्ति व किसी भी बाधा से लड़ने की हिम्मत है तो आप एक अच्छे मोबाइल रिपोर्टर (Mobile Reporter) बन सकते हैं। आज हर कोई सबसे पहले जानना चाहता है कि देश दुनिया में क्या चल रहा है, किस तरह की और कैसी हलचल है, हमारे अगल-बगल में किस प्रकार की घटनाएं घटी हैं, सभी उससे अवगत होना चाहते है। आज किसी के पास समय नहीं है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति या दर्शक खबरों से रूबरू जरूर होना चाहता है। उसे तत्काल खबर को देखने और सुनने की चाहत होती है, ऐसे में मोबाइल जर्नलिज़्म (Mobile Journalism) बेहद उपयोगी है।
मोबाइल जर्नलिज़्म (Mobile Journalism) के प्रोफेशन में कागज, स्याही, धन और समय की बड़ी बचत होती है क्योंकि इंटरनेट का क्षेत्र असीमित है, इसलिए मोबाइल जर्नलिज़्म भी असीमित वाला प्रोफेशन है।
मोबाइल जर्नलिज्म क्यों है ख़ास?
पावर (Power) और पैसा (Money) दोनों देता है मोबाइल जर्नलिज्म।
मोबाइल पत्रकारिता न्यू मीडिया स्टोरी टेलिंग (New India Story Telling) का एक उभरता हुआ रूप है जहां रिपोर्टर अपने समुदाय से समाचार एकत्र करने, संपादित करने और वितरित करने के लिए नेटवर्क कनेक्टिविटी के साथ पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करते हैं।
मोबाइल जर्नलिज़्म एक ऐसा प्रोफेशन है, जिसमें चुनौतियों के साथ ग्लैमर और पॉवर भी है लेकिन यह एक मेहनतकश रिपोर्टिंग का क्षेत्र भी है। मेहनत करते हुए ग्लैमर का हिस्सा बनने के मौके स्वाभाविक रूप मिलते हैं। लेकिन पत्रकारिता के नियम कानून आपको समझने होंगे। इसके लिए खुद एक लक्ष्मण रेखा खींचनी होगी। यही कारण है कि आज यंग जनरेशन (Young Generation) की खास पसंद मोबाइल जर्नलिज़्म (Mobile Journalism) बनता जा रहा है। इलेक्ट्रानिक मीडिया और प्रिंट मीडिया के साथ-साथ आज ऑन लाइन मीडिया (Online Media) ने भी अपना प्रभाव बना रखा है। मोबाइल जर्नलिज़्म (Mobile Journalism) में शब्द सामाग्री के साथ विजुअल सामग्री (Visual Content) अनिवार्य है।
विजुअल सामग्री (Visual Content) की अनिवार्यता
विजुअल सामाग्रियों ने यह साबित किया है कि पत्रकारिता सिर्फ पढ़ने की विधा नहीं, बल्कि देखने और सुनने की भी विधा है। कई बार देखा गया है एक चित्र या फोटो हजार लिखित शब्दों से अधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं। जैसे हम सभी किसी खेल की रिपोर्टिंग में देखते हैं। एक खिलाड़ी की अच्छी एक्शन वाली फोटो पूरे पेज में जान डाल देने की क्षमता रखती है। उसी तरह एक फोटो या एक विजुअल मोबाइल जर्नलिज़्म (Mobile Journalism) की प्रभाविकता को दर्शाती है।
कहाँ-कहाँ मोबाइल जर्नलिज्म (Mobile Journalism) का प्रभाव है?
वाणिज्यिक (Commercial), खेल (Sports), फिल्म जगत (Film Industry), राजनीतिक (Political), आपराधिक (Criminal), सांस्कृतिक (Culture), ग्रामीण या शहरी (Rural or Urban) आदि सभी तरह की रिपोर्टिंग के लिए मोबाइल जर्नलिज़्म एक प्रोफेशन के तौर पर किया जा रहा है।
मोबाइल रिपोर्टरों की बढ़ती डिमांड
इंटरनेट की आसान पहुंच और हर हाथ में स्मार्ट मोबाइल (Smart phone) फोन के कारण जर्नलिज्म के प्रति लोगों की बढ़ती रुचि के चलते मोबाइल जर्नलिज्म की मांग बढ़ रही है। इसकी वजह से वर्तमान में पत्रकारिता की एक नई विधा मोबाइल जर्नलिज़्म तेजी के साथ देश में उभर रही है। आज मोबाइल रिपोर्टर की मांग बहुत ज्यादा हो गई है जिसके साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में मोबाइल जर्नलिज़्म के नाम से एक नया आयाम जुड़ गया है। इसमें अपार संभावनाएं भी हैं।
मोबाइल जर्नलिज्म (Mobile Journalism) की शुरुआत
मोबाइल जर्नलिज्म की शुरआत अमेरिका से हुई। अमेरिका में मौजूद फ्लोरिडा में साल 2005 में गनेट न्यूज़पेपर में मोबाइल जर्नलिज्म का जिक्र हुआ था। जहाँ के रिपोर्टरों ने मोबाइल से न्यूज़ जमा करना शुरू किया। साथ ही बढ़ती तकनीक एवं कैमरों के उपयोग का महत्व जाना। भारत में सबसे पहले एनडी टीवी ने इसका इस्तेमाल शुरू किया और बहुत बेहतर नतीजे पाए। एनडी टीवी के पत्रकारों का मानना है मोबाइल जर्नलिज्म की शुरुआत से उन्हें पत्रकारिता में काफी ग्रोथ देखने को मिली।
मोजो शब्द और मोबाइल जर्नलिज्म (Mobile Journalism) के अनुप्रयोग
मोजो शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले साल 2005 हुआ जो फोर्ट मायर्स न्यूज-प्रेस में उत्पन्न हुआ और फिर संयुक्त राज्य अमेरिका में गैनेट अखबार श्रृंखला में लोकप्रियता हासिल किया। आपको बता दें कि हर साल, सैकड़ों मोबाइल पत्रकार मोबाइल पत्रकारिता सम्मेलनों में भाग लेते हैं। इनमें से एक सम्मलेन है मोजोफेस्ट, जिसका आयोजन आयरलैंड (Ireland) के राष्ट्रीय सार्वजनिक सेवा प्रसारक आरटीई (RTE) के सहयोग से किया जाता है।
अल जज़ीरा के डिजिटल आउटलेट एजे+ के संपादक अपने वीडियो समाचार कवरेज में मोबाइल पत्रकारों का उपयोग करते हैं।
एक मोबाइल जर्नलिस्ट को किन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए ?
- मोबाइल जर्नलिस्ट में सामान्य पत्रकार से कुछ ज्यादा जानकरी होनी चाहिए जो काफी अहम् होती हैं। एक मोबाइल जर्नलिस्ट को हमेशा चौकन्ना रहना होता है ताकि आस पास हो रही हर घटना पर पकड़ बनी रहे। उसे हर समय अपने कैमरे के साथ मैदान में निकलने के लिए तैयार रहना होता है।
- मोबाइल जर्नलिस्ट को अपने साथ जरुरी उपकरणों जैसे चार्जर , मेमोरी कार्ड , माइक , कैमरा , कैमरा स्टैंड , पावर बैंक , गनमाइक, कालर माइक, मोबाइल कनेक्टर के साथ ट्राईपॉड, LED लाइट, एक अलग से ऑडियो रिकॉर्डर, एक हैंडी ट्राईपॉड या सेल्फी स्टिक इत्यादि रखना चाहिए। साथ ही उन्हें हमेशा अपना मोबाइल रिचार्ज रखना होता है, जिसमें मज़बूत नेटवर्क का इंटरनेट सबसे ज्यादा जरुरी है।
- मोबाइल जर्नलिस्ट में सामान्य पत्रकारों से अधिक तकनीक का ज्ञान होना चाहिए। जैसे कि वीडियो रिकॉर्ड करना , वीडियो एडिट करना , कैमरा इस्तेमाल करना , वौइस् रिकॉर्ड करना इत्यादि।
Also: (News Portal)न्यूज़ पोर्टल क्यों ज़रूरी है?
मोबाइल जर्नलिज्म में उपयोग होने वाले जरूरी उपकरणों के बारे में अपने दूसरे ब्लॉग में लिखेंगे। अगर आप पत्रकार हैं और हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो तो कमेंट में दे सकते हैं। और अगर आपको डिजिटल पत्रकारिता से जुड़ी किसी भी सर्विस कि जरूरत है तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।