भारत में न्यूज़ पेपर शुरू करने की प्रक्रिया क्या है? जानेंगे हम आज के इस ब्लॉग में। जैसा की आप जानते हैं खबरों को जन-जन तक पहुँचाने का सबसे प्राचीनतम माध्यम अखबार अर्थात न्यूज़ पेपर है। किसी भी न्यूज़ पेपर को शुरू करना हर उस पत्रकार(Journalist) का सपना होता है जो पत्रकारिता(Journalism) के माध्यम से समाज की सेवा करना चाहता है।
न्यूज़ पेपर वह माध्यम है जो न सिर्फ सूचनाएं पहुंचाकर लोगों को जागरूक करता है बल्कि मनोरंजक सामग्री के माध्यम से लोगों का मनोरंजन भी करता है। भारत में न्यूज़ पेपर को खबरों की पुष्टि करने का सबसे बड़ा आधार माना जाता है।
भारत देश मे कहीं भी आप अगर न्यूज़ पेपर(Newspaper) शुरू करना चाहते हैं तो आपको इसके लिये एक विस्तृत योजना बनानी होगी जिसके साथ ही आपको निवेश के लिये एक रकम की भी जरूरत होगी क्योंकि न्यूज़ पेपर दुनिया का एक मात्र ऐसा उत्पाद है जो अपने लागत मूल्य से कम दर पर बेचा जाता है एवं न्यूज़ पेपर को बेचने मात्र से आपके आर्थिक संसाधन पूरे नहीं हो पाते।
अपने न्यूज़ पेपर के लिए एक समय सीमा के लिए तय करें
जैसा कि हम सभी को मालूम है कि न्यूज़ पेपर, खबरों को घर घर तक पहुँचाने वाले प्राचीनतम संसाधनों में से एक है। इस भारत में न्यूज़ पेपर को प्रकाशित करने के लिये निश्चित समय सीमा का निर्धारण करना होता है आप अपने निवेश की रकम के हिसाब से अपने न्यूज़ पेपर को दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक या मासिक रख सकते हैं। दैनिक अखबार का प्रकाशन रोज करना होता है और इसे आप प्रात:कालीन या सांध्यकालीन रख सकते हैं। दैनिक अखबारों में आपके पास खबरों को समय पर प्रकाशित करने का लक्ष्य रहता है क्योंकि असमय पुरानी खबरें किसी काम की नहीं होती है।
दैनिक न्यूज़ पेपर
दैनिक रूप में यदि देखे तो सुबह प्रकाशित होने वाले अखबार(Daily News Paper) सुबह 7 बजे तक छपकर पाठक के पास चाय के वक्त पहुंचते हैं जबकि सांध्यकालीन अखबार शाम को पाठकों की मेज तक पहुंचते हैं। यह एक ऐसा वक्त होता है जब पाठकों के पास खबरों को पढ़ने का समय रहता है।
साप्ताहिक न्यूज़ पेपर
साप्ताहिक न्यूज़ पेपर(Weekly News Paper) प्रत्येक 7 दिन में प्रकाशित करवाये जाते हैं, इसमें पूरे सप्ताह की खबरों को उनकी गम्भीरता को देखकर न्यूज़ एडिटर उठाता है और अपने साप्ताहिक में प्रकाशित करता है। ज्यादातर साप्ताहिक सिर्फ छुट्टी वाले दिन प्रकाशित होकर प्राप्त होती है।
पाक्षिक न्यूज़ पेपर
पाक्षिक न्यूज़ पेपर(Fortnightly News Paper) का प्रकाशन हर 15 दिन में होता है। इसमें भी साप्ताहिक के भांति ही हर वो बड़ी खबरें लगाई जाती है जिनका वजूद ज्यादा वक्त तक टिके रहे। पाक्षिक अखबार का प्रकाशन भी छुट्टी वाले दिन देखकर ही किया जाता है।
मासिक न्यूज़ पेपर या पीरियोडिकल
पीरियोडिकल न्यूज़ पेपर प्रत्येक माह(Monthly News Paper) में एक बार प्रकाशित किया जाता है। इसमें पूरे महीने की हर खबरों को सहेजकर एक जनरल नॉलेज की किताब की भांति तैयार किया जाता है। हर नए माह के पहले सप्ताह में पिछले माह का पीरियोडिकल प्राप्त होता है।
अपने न्यूज़ पेपर का RNI में नाम रजिस्टर करवाएं रजिस्टर्ड
जब आपके न्यूज़ पेपर की समय सीमा तय हो जाए तो उसके बाद अपने न्यूज़ पेपर नाम रजिस्टर्ड(Newspaper title Verification) करवाना आवश्यक है। प्रेस और पुस्तक पंजीयन अधिनियम, 1867 के तहत समाचार पत्रों का पंजीयन या रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है अन्यथा आप नकली और धोखेबाज करार कर दिए जाएंगे।
वैसे भी न्यूज़ पेपर का रजिस्ट्रेशन(News Portal Registration) करवाना आपके लिए लाभप्रद काम है क्योंकि अगर आपका न्यूज़ पेपर चल निकला तो आपके न्यूज़ पेपर के नाम पर कोई दूसरा व्यक्ति न्यूज़ पेपर नहीं निकाल पायेगा क्योंकि वह आरएनआई पंजीयन ही उस न्यूज़ पेपर के लिए आपका पेटेंट राइट रहेगा।
RNI में आनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया?
अपने न्यूज़ पेपर का नाम रजिस्टर्ड करवाने के लिये आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं है बल्कि भारत सरकार के ही संस्थान रजिस्ट्रार न्यूज़ पेपर आफ इंडिया(RNI – office of Registrar of Newspapers for India) ने इसके लिये आनलाइन सेवायें शुरू कर दी है जो आपके लिए घर बैठे पंजीयन कराने की सुविधा उपलब्ध कराती है।
आपको अपने न्यूज़ पेपर का नाम रजिस्टर्ड करवाने के लिये सबसे पहले आरएनआई के वेबसाइट पर जाना होगा, जिसका वेबएड्रेस http://rni.nic.in है।
न्यूज़ पेपर का टाइटल वेरीफिकेशन पहला कदम है
- आरएनआई की वेबसाइट पर जाने के बाद आपको टाइटल वेरिफिकेशन(Title Verification Of RNI) टैब पर जाना होगा जहाँ आपको अपने न्यूज़ पेपर के शीर्षक का चयन करना होगा की वह किस नाम से प्रकाशित होगा जिसके लिए आपको पहले से वेरीफाइड न्यूज़ पेपर के नाम की जांच करनी होगी तभी आपके शीर्षक को मंजूरी मिलेगी।
- उन सभी नामों को देखने के बाद आप अपने न्यूज़पेपर के लिये कोई अच्छा सा शीर्षक नाम डिसाइड करें जिसके लिए हमारी आपको सलाह है कि कम से कम 5 नाम सोच कर रखें क्योंकि, अक्सर मिलते जुलते नाम को शीर्षक पंजीयन प्रक्रिया के दौरान रिजेक्ट कर दिया जाता है अतः एक से ज्यादा नामो के विकल्प होने पर नाम के पंजीकृत होने की संभावना बढ़ जाती है और आपको जल्द ही आपके अखबार का टाइटल नेम उपलब्ध हो जाता है।
- टाइटल वेरिफिकेशन के बाद आपको आनलाइन फार्म को सावधानी से पूरा भर कर सबमिट करना होता है और भरे हुये फार्म का प्रिंट लेना होता है।
मुख्य बात यह भी है कि इस प्रक्रिया के दौरान एक कोड भी जनरेट होता जिसे आपको नोट करके रख लेना चाहिये।
- फार्म को भरने के बाद इस फॉर्म को अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट और डिप्टी कमिश्नर आफ पुलिस से वेरीफाइड करवा कर आरएनआई के पास भिजवाना होता है जिसमें आरएनआई को जब यह फॉर्म प्राप्त हो जायेगा तो रजिस्ट्रेशन के समय आपके द्वारा उपलब्ध करवाये गये मोबाइल नम्बर पर आपको एक एसएमएस प्राप्त होगा।
इसके बाद आरएनआई के वेबसाइट पर जाकर आपको अपने टाईटल एप्लिकेशन स्टेटस से लैटर डाउनलोड करना होता है और इस लैटर में इस बात का प्रमाण देना होता है कि आपके द्वारा दिया गया टाइटल आपके नाम से सत्यापित हो चुका है और वह टाइटल आप उपयोग करने के लिए तैयार है, ततपश्चात वह टाइटल आपको अपने नाम से पंजीकृत करवाने के लिये एक एफिडेविड के माध्यम से एसडीएम के पास जाकर 2 वर्ष की अवधि के भीतर सत्यापित करवाना होता है जिसके साथ ही आपके न्यूज़ पेपर का टाइटल सत्यापित हो जाता है और प्रकाशन के लिए आपके न्यूज़ पेपर का नाम तैयार हो जाता है।
न्यूज़ पेपर के टाइटल पंजीयन के बाद न्यूज़ पेपर का पंजीयन
आपके प्रकाशन के लिए तैयार न्यूज़ पेपर के टाइटल वेरिफिकेशन के बाद अब आप इस टाइटल के साथ अपने न्यूज़ पेपर का प्रकाशन करने के लिये अधिकृत हो चुके है लेकिन अभी भी आपको अपने न्यूज़ पेपर का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा जिसके लिये निर्धारित फार्म संख्या 1 को अपने हैंडराइटिंग से अच्छी तरह भर कर आरएनआई के पास आपको भेजना पड़ेगा।
न्यूज़ पेपर पंजीकरण के 42 दिन के भीतर प्रकाशन जरूरी
आपके न्यूज़ पेपर का पंजीकरण(News Portal Registration) हो जाने की स्थिति में अगर आपका अखबार दैनिक या साप्ताहिक है तो उसका पहला अंक आपके न्यूज़ पेपर के पंजीकरण के तिथि से 42 दिन के भीतर प्रकाशित करना आवश्यक है क्योंकि अगर आप ऐसा करने में असफल रहते हैं तो आपको अपने एफिडेविड को नये सिरे से भरना होगा और अपने प्रकाशन के अवधि को बढ़वाना पड़ पड़ेगा जिसमे समय की और ज्यादा बर्बादी होगी।
अधिक जानकारी के लिए 7knetwork से संपर्क कर सकते हैं
हमारी कम्पनी 7knetwork आपके न्यूज़पेपर के प्रकाशन में सहयोग करने के लिए वेबसाइट और न्यूज़ पोर्टल डेवलमेंट का काम करती है। अगर आपको एक न्यूज़ पेपर संपादक के रूप में बिना किसी बाधा के न्यूज़ पेपर पंजीकरण की इस प्रकिया को पूरी तरह से समझना है तो उसके लिये आप हमारी कम्पनी से संपर्क कर सकते है। हम आपको निर्बाध्य रूप से बेहतर सहयोग प्रदान करेंगे।
न्यूज़ पेपर के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति
अपना न्यूज पेपर शुरू करने के लिये आपको मुख्यतः तीन विभागों की स्थापना करनी होगी जिसमे सबसे पहले अखबार के लिये खबर लाने के लिये आपको रिपोर्टर्स और उसको संपादित करने के लिये संपादक की आवश्यकता होगी। इसके प्रक्रिया के बाद फीचर राइटर और कंटेट राइटर भी आपको नियुक्त करने होंगे ताकि खबरों के साथ मनोरंजक सामग्री को भी आपके न्यूज़ पेपर का हिस्सा बनाया जा सके जिसमे कंटेट डवलपमेंट के लिये आपको निम्न पद को भर्ती करने होंगे।
- संपादक
- उप संपादक
- कॉपी राइटर
- पेज डिजाइनर
- रिपोर्टर
मार्केटिंग विभाग नियुक्त करना होगा
आपको अपने न्यूज़ पेपर की आय के लिए प्रकाशन के साथ ही आपको अपने न्यूज़ पेपर में विज्ञापन भी प्राप्त करने होंगे जिसके लिये आपको अपने अखबार में एक विज्ञापन और मार्केटिंग विभाग भी नियुक्त करना होगा।
मार्केटिंग विभाग के लिये आपको एक से दो तक मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव रखने होंगे जिनके साथ ही विज्ञापन का डिजाइन तैयार करवाने के लिये एक डिजाइनर भी रखना होगा। जब आपकी कॉपी तैयार हो जायेगी तो अपने अनुबंधित प्रेस से आपको इसे मुद्रित यानी पब्लिश करवाना होगा तब आपको अपने विज्ञापन के लिए आर्थिक आय प्राप्त होगा।
हॉकर्स की नियुक्ति
आपको अपने न्यूज पेपर के पब्लिश होने के बाद उसे वितरित भी करवाना जरूरी होगा जिस काम के लिए प्रत्येक जिले में वितरण का काम हॉकर्स के माध्यम से किया जाता है।
हॉकर्स को अनुबंध पर रखा जाता है जो एक निश्चित दर पर आपका न्यूज़ पेपर खरीदता और उसे पाठक तक पहुंचाता है जिसके लिए आपको अपने न्यूज़ पेपर की प्रति के दर पर आय प्राप्त होता है।
सभी कामो पर नियंत्रण रखने के लिए मैनेजिंग डायरेक्टर चाहिए
न्यूज़ पेपर के प्रकाशन की पूरी प्रक्रिया में आपको सभी पर उचित नियंत्रण के लिये एक मैनेजिंग डायरेक्टर की सेवायें भी लेनी पड़ सकती है, हालांकि अधिकतर अखबारों में यह काम मुख्य संपादक देखा करता है पर एक नियमित प्रोटोकाल के तहत मैनेजिंग डायरेक्टर का होना भी अत्यंत आवश्यक है।
न्यूज़ पेपर शुरू करने में लगने वाली कुल लागत
न्यूज़ पेपर को शुरू करने में खर्च ज्यादा नहीं होता है। अगर न्यूज़ पेपर के प्रतियों की संख्या सीमित रखी जाये तो कम खर्च में भी न्यूज़ पेपर के संचालन को शुरू किया जा सकता है जिसके बाद धीरे धीरे मांग के आधार पर प्रतियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
एक गणना की बात करें तो मासिक 50 हजार रूपये खर्च करने के बाद एक साप्ताहिक न्यूज़ पेपर को आसानी से चलाया जा सकता है और अगर आपके पास अच्छे विज्ञापन आ जाये तो आसानी से एक लाख रूपये महीने तक की कमाई आप अपने न्यूज़ पेपर के माध्यम से कर सकते है।
निष्कर्ष
तो हमने आज जाना कि भारत में न्यूज़ पेपर शुरू करने की प्रक्रिया क्या है? हालाँकि, न्यूज़ पेपर का संचालन करना कोई बहुत ज्यादा वृहद प्रक्रिया नहीं है बशर्ते आपको इस प्रक्रिया के सभी कड़ियों का सही अध्ययन हो। अगर आप आगामी वक्त में न्यूज़ पेपर का संचालन प्रारम्भ करने वाले है तो हमारी यही सलाह रहेगी कि पहले अपने न्यूज़ पेपर के सत्यापन और पंजीयन संबंधित सभी जानकारियों को अच्छे से एकत्र कर लेवे।