आज के ब्लॉग में हम जानेंगे कि एक डिजिटल पत्रकार पर यदि हमला(Attacks On Journalist) हो तो उसकी शिकायत कहाँ करें? पत्रकारों पर हमले होना कोई नई बात नहीं है। अक्सर यह देखा जाता है कि पत्रकारिता करते वक्त अगर किसी पत्रकार द्वारा कोई सच्चाई उजागर कर दी गई या फिर किसी झूठ का पर्दाफाश कर दिया गया तो उस पत्रकार ने जिनके कारनामों को उजागर किया है उनकी तरफ से पत्रकार को धमकियां मिलने लगती है और कई मर्तबा जानलेवा हमले भी होने लग जाते हैं।
यह वो स्थिति होती है जब पत्रकार घबराने अथवा पत्रकारिता छोड़ने का कदम उठाने के लिए विवश होने लग जाता है तो ऐसी ही स्थिति के लिए ही 7k Network ने यह लेख लिखा है। अगर आप भी पत्रकारिता जगत से सम्बन्ध रखते हैं तो आपको अपनी पत्रकारिता(Digital Jouranlism) को सुचारू रूप से करने के लिए हमारे द्वारा दी गई इन जानकारियों के बारे में पता होना जरुरी है।
कौन हैं डिजिटल पत्रकार?
अगर आप डिजिटल पत्रकारों के संदर्भ में जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि डिजिटल पत्रकार(Digital Jouranlist) भी उन्ही पत्रकारों के भांति होते हैं जो मुख्यधारा में समाचार पत्रों के साथ पत्रकारिता करते हैं अथवा टीवी में आने वाले न्यूज चैनल के साथ पत्रकारिता करते हैं।
एक डिजिटल पत्रकार; न्यूज पोर्टल, यू ट्यूब या अन्य डिजिटल माध्यमों से पत्रकारिता करने वाले व्यक्ति को हम कह सकते हैं।
डिजिटल पत्रकार का भी कर्तव्य और जिम्मेदारी उतना ही होता है जितना एक मुख्यधारा के पत्रकार का होता है। दोनों क्षेत्रों की पत्रकारिता में फर्क मात्र पंजीयन का होता है जहाँ मुख्यधारा की पत्रकारिता में आरएनआई (RNI) पंजीयन होता है वहीं डिजिटल पत्रकारिता में एमएसएमई (MSME) , ISO , Pvt Ltd जैसे पंजीयन होते हैं।
पत्रकार पर हमला होने के कौन-कौन से कारण हो सकते हैं?
चाहे वह मुख्यधारा की पत्रकारिता हो या डिजिटल पत्रकारिता; हमला होने के लिए एक आपका मात्र एक पत्रकार होना काफी है। अखबारों के प्रकाशन में तो फिर भी वक्त लग जाता है परन्तु न्यूज पोर्टल(News Portal) का प्रयोग करने वाले डिजिटल पत्रकार, त्वरित रूप से प्रकाशन कर के हमलावरों के निशाने पर आ जाते हैं जिसकी वजह से उनके उनपर हमले होने की संभावना बढ़ जाती है।
यूँ तो पत्रकारिता का धर्म ही है सच को लिखना परन्तु इस सच को लिखते समय पत्रकारों को काफी समस्यायों का सामना करना पड़ता है। अधिकृत समाचार संस्थान तो अपने पत्रकारों के लिए अडिगता से खड़े हो जाते हैं परन्तु डिजिटल माध्यम से स्वतंत्र पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को विभिन्न प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं।
पत्रकारिता के ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ के संबंध में प्रकाशन करने से आपके ऊपर हमला होने की संभावना बढ़ जाती है
- जघन्य अपराध (हत्या, बलात्कार, आतंकवाद, नक्सलवाद इत्यादि)
- भ्रष्टाचार (प्रशासनिक लूटमार)
- निविदाओं का भ्रष्टाचार (भर्ती घोटाले)
- खनन
- भूमि सम्बंधित खुलासे
- राजनीति की गुप्त खबरें
इन मुख्य कारणों की वजह से डिजिटल पत्रकारों पर हमला होने की समस्याएं आ सकती हैं
- किसी जघन्य अपराध की घटना को उजागर करना
- भ्रष्टाचार को उजागर कर भ्रष्टाचारियों के निशाने पर आना
- भ्रष्टाचार की संभावना वाले निविदाओं का प्रकाशन करना
- निर्माण कार्यो के गुणवत्ता विहीनता का प्रकाशन करना
- खनन माफियाओं को प्रकाशित करना
- भू-माफियाओं को प्रकाशित करना
- किसी राजनेता की पोल खोलना
आमतौर पर उक्त मामलों में पत्रकारिता करने वाले, लगभग सभी पक्षों के पत्रकारों को हमले होने की धमकियां मिलती रहती है।
हमलों की शिकायत पत्रकार कहाँ करें?
उपरोक्त लिखित पत्रकारिता के ऐसे क्षेत्र और ऐसे कारण है जहाँ पर पत्रकारिता करना, किसी भी पत्रकार के लिए आसान नहीं होता। ऐसे मामलों में होने वाले हमले की शिकायत भी पत्रकार निम्नलिखित रूप से उपाय कर के कर सकतें हैं।
प्राथमिकी दर्ज कराना
न्याय प्रणाली के तहत किसी भी प्रकार के हमले का शिकार, यदि एक पत्रकार होता है तो, सबसे पहले इसकी शिकायत नज़दीकी पुलिस थाने में दर्ज कराकर प्राथमिकी (FIR) दर्ज करानी चाहिए। अपने ऊपर हुए हमले का, पुलिस प्रशासन के संज्ञान में बात डालने के बाद, आप आगे की शिकायती कार्यवाही कर सकते हैं।
पत्रकार संगठन में शिकायत
देश मे पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए काफी सारे पत्रकार संगठन(Journalist Organizations) बने हुए हैं जो सक्रियता से संचालित हैं। इन सभी पत्रकार संगठनों का कार्य है कि पत्रकारिता और उनसे जुड़े लोगों के हितों की रक्षा करना।
थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाने के बाद हमले से पीड़ित पत्रकार अपने ऊपर हुए हमले की शिकायत यदि पत्रकार संगठन में करता है तो पत्रकार संगठन के द्वारा सरकार के ऊपर डाले गए दबाव से आपको न्याय मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।
पत्रकार संगठन से जुड़ने के फायदे
अगर पत्रकार के रूप में आप एक मजबूत पत्रकार संगठन के साथ जुड़े हुए होंगे तो आने वाले समय मे आपके ऊपर हमला करने से पहले कोई भी हमलावर कई बार सोचेगा साथ ही प्रशासन भी आपके मसले पर सक्रियता और निष्पक्षता से कार्यवाही करेगी।
अतः आप एक पत्रकार के तौर पर यदि किसी हमले का शिकार होते हैं तो आप उसकी शिकायत अपने पत्रकार संगठन से जरूर करें।
मानवाधिकार संगठन में शिकायत
किसी भी कानूनी कार्यवाही को अंजाम तक पुलिस प्रशासन ही पहुँचाती है परन्तु उनकी व्यस्तताओं में अपने ओहदे की अहमियत को बढ़ाने के लिए आपको एक मजबूत छत्रछाया चाहिए जिसके लिए पत्रकार संगठन के साथ साथ अपनी शिकायत को मानवाधिकार संगठन(Human Rights Group) में भी जरूर करना चाहिए।
मानवाधिकार संगठन के कार्य
मानवाधिकार संगठन हर उस मानव के हितों की रक्षा करती है जिसके साथ संवैधानिक रूप से गलत हो रहा है।
चूंकि एक पत्रकार के रूप में पत्रकारिता करने का संवैधानिक अधिकार आपके पास मौजूद है; इसलिए आपके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए मानवाधिकार संगठन जरूर आगे आएगी जिसकी वजह से आपको न्याय मिलने की संभावना और बढ़ जाएगी।
क्षेत्रीय समाज सेवकों के पास शिकायत
हर पत्रकार, समाज के हित में ही सभी प्रकार की खबरों का प्रकाशन करता है ताकि समाज मे उसकी जागरूकता बढ़े। हर समाज सेवक को इस बात का पूरा एहसास होता है कि पत्रकारिता की गम्भीरता क्या है।
अतः पत्रकार, अपने ऊपर हुए हमले की बात को नजदीकी समाज सेवको(Social Workers) के संज्ञान में अवश्य डाल दें क्योंकि वह समाज सेवक आपके हितों की रक्षा के लिए समाज को जागरूक करेगा और हमलावरों का पता लगाकर आपको न्याय दिलाने के लिए साथ खड़ा होगा।
निष्कर्ष
पत्रकारिता के क्षेत्र में जितना सम्मान, नाम और शोहरत है उतना ही एक पत्रकार के लिए रिस्क भी है। परन्तु इस बात का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप खतरों की डर से पत्रकारिता करना बंद कर दें। एक डिजिटल पत्रकार हो या मुख्यधारा का पत्रकार; सभी की शिकायतों को गम्भीरता से संज्ञान में लिया जाता है।
पत्रकारिता क्षेत्र को हर मोर्चे पर गम्भीरता से लिया जाता है और सामाजिक न्याय की भूमिका में भी अग्रणी रखा जाता है। इसलिए पत्रकारिता क्षेत्र में यदि आप है तो आपको ऊपर दर्शाए गए सभी बातों की जानकारी रखना चाहिए ताकि किसी भी विपदा के वक्त आपको सही परामर्श प्राप्त हो सके। तो आज के ब्लॉग में हमने जाना कि एक डिजिटल पत्रकार पर यदि हमला हो तो उसकी शिकायत कहाँ करें?