वर्तमान का दौर इंटरनेट और डिजिटल जमाने का दौर है। मोबाइल और उसमे मौजूद सोशल मीडिया एप्लिकेशन आज किसी भी इंसान के जीवन का अभिन्न अंग बन चुके है। पत्रकारों के जीवन मे भी कुछ इसी तरीके से बदलाव आ रहा है। पत्रकारिता भी अब डिजिटल हो चुकी है।
डिजिटल जर्नलिज्म(Digital Journalism), इंटरनेट के आधार पर की जाने वाली पत्रकारिता है। इसे नए जमाने की जर्नलिज्म भी कह सकते हैं क्योंकि प्रिंट मीडिया और इलैक्ट्रोनिक मीडिया की अपेक्षा यह जर्नलिज्म तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ ही डिजिटल मीडिया के भी लक्ष्य तो एक समान हैं, लेकिन इसका तरीका और कार्यशैली अलग-अलग हैं।
डिजीटल जर्नलिज्म में सभी प्रकार की न्यूज, फीचर, रिर्पोट और संपादकीय कंटेंट आदि को इंटरनेट के जरिए पाठकों तक पहुचाया जाता है। इसमें कंटेंट को ऑडियो और वीडियो के रूप में प्रसारित किया जाता है। इसमें कंटेंट को नवीन नेटवर्किंग तकनीकी के सहयोग से प्रसारित करते हैं।
डिजिटल और पारंपरिक जर्नलिज्म तुलनात्मक दृष्टि से
- डिजिटल जर्नलिज्म(Digital Journalisn) में पारंपरिक जर्नलिज्म(Traditional Journalism) की तुलना में प्रयोग की संभावनाएं अधिक हैं। डिजिटल जर्नलिज्म में दर्शक को क्या पढ़ना है, यह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है। वह कुछ भी कहीं से भी पढ़ सकता है, जबकि पारंपरिक पत्रकारिता में पाठक की इच्छा के बजाए एडिटर की इच्छा पर कंटेंट निर्भर करता है।
- डिजिटल जर्नलिज्म, कुछ सेकेंड में ही विश्व में घटित किसी भी घटना पर त्वरित रिर्पोटिंग संभव है और उसका प्रसारण भी त्वरित सारांश के तौर पर ही होता है। जबकि प्रिंट पत्रकारिता में इसे 24 घंटे का समय पाठक तक पहुंचने में लगता है। डिजीटल पत्रकारिता में तो लेखक और पाठक की त्वरित टिप्पणी संभव होती है और सुधार की संभावनाएं भी बहुत तीव्र होती हैं जबकि प्रिंट मीडिया में ऐसी सुविधा का अभाव है।
जानकारी के लिए बता दे कि कई न्यूज पेपर और न्यूज चैनलों ने अपनी वेबसाइट लांच कर दी हैं। वे प्रतिस्पर्धा के तौर पर त्वरित ही किसी भी न्यूज के वेबसाइट पर प्रसारण करते हैं और उसका अपडेशन भी करते रहते हैं। डिजीटल पत्रकारिता में खबरों को तोड़-मरोड़ कर रोचक ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। साथ ही इसमें विज्ञापन को भी पाठक रोचक ढंग से पढ़ सकते हैं। यह है डिजिटल जर्नलिज्म का प्रभाव जिसकी तरफ प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिज्म भी आकर्षित हो रहा है।
डिजीटल जर्नलिज्म का क्रमिक विकास
सन 1970 का दौर था जब ब्रिटेन में ‘टेलीटेक्स्ट’ के माध्यम से डिजीटल जर्नलिज्म का वजूद सामने आया।
टेलीटेक्स्ट क्या होता है?
‘टेलीटेक्सट’ एक ऐसी प्रणाली है जिसमें कोई भी जानकारी तुरंत व संक्षिप्त रूप में दे दी जाती है। यह प्रणाली भी वर्तमान के डिजीटल जर्नलिज्म के समान ही है।
वीडियो टेक्स्ट की शुरुआत
‘टेलीटेक्स्ट’ के अविष्कार के बाद ही वीडियो टेक्स्ट का अविष्कार किया गया। सन 1979 में वीडियो टेक्स्ट को व्यवसायिक रूप से लांच किया गया था, जिसमें अनेक बिट्रिश अखबारों की स्टोरीज को ऑनलाइन प्रकाशित किया लेकिन सन 1986 में यह किसी कारण से बंद हो गया, साथ ही सन 1981 में नाइट रीडर ने भी ‘व्युतटॉन’ के वीडियो टैक्सट सेवा की शुरूआत की पर वह भी बंद हो गई।
कम्प्यूटर बुलेटिन बोर्ड की शुरुआत
वीडियो टेक्स्ट सेवा के बाद फिर कंप्यूटर बुलेटिन बोर्ड सिस्टम आया और 1990 में बीबीसी सॉफ्टवेयर, टेलीफोन मॉडेम की सहायता से ऑनलाइन न्यूज सर्विस की शुरूआत की गयी। इसी साल विभिन्न न्यूज पेपर्स ने अपनी न्यूज पोर्टल वेबसाइट शुरू कर दी। ‘नन्दो वर्ल्ड वाइड वेब’ पर सबसे पहले गंभीर प्रकार के न्यूज को प्रसारित (स्टीवएल) किया जाता था। यह वह दौर था जब डिजिटल जर्नलिज्म में तेजी से वृद्धि हुई थी।
पहली कामर्सियल सर्विस- वेब ब्राउजर
नेटस्केप नेविगेटर व इंटरनेट एक्सप्लोरर(Internet Explorer) पर न्यूज ऑनलाइन(Online News) ही उपलब्ध रहते हैं और इन ऑनलाइन सेवा में न्यूज कंटेंट जैसे वीडियो, ऑडियो टेक्स्ट आदि के रूप में पब्लिश की जाती थी। इस डिजिटल प्रारूप में दिन भर के समाचारों के लिए यूजर और पत्रकारों के मध्य संपर्क स्थापित रहता था। ये ‘कॉन्टेक्ट यूजर जर्नलिस्ट इंटरेक्शन बोर्ड’ पर होता था। इसके बाद, ए ओ एल, याहू जैसे पोर्टलों ने विभिन्न न्यूज पोर्टल वेबसाइटों से न्यूज के लिंक को एकत्र किया और विभिन्न न्यूज एजेंसियों तक इन सभी कंटेंट को डिजीटल तौर पर उपलब्ध कराया।
सैलून की शुरुआत
सन 1995 ‘सैलून’ की शुरूआत हुई। कंप्यूटर का अविष्कार तो 19वीं शताब्दी में हो चुका था। लेकिन इस समय कंप्यूटर के अन्य प्रारूप जैसे डेस्कटॉप, लैपटॉप और पामटाप के अविष्कार के बाद, टेलीफोन आधारित टेलीकॉम सेवा भी सस्ती हो गई। सस्ती टेलीकॉम सेवा होने के कारण अधिकतर लोगों तक कंप्यूटर और मोबाइल की पहुंच हो गई जिस कारण ऑनलाइन न्यूज को जानने और पढ़ने में लोगों की दिलचस्पी और भी बढ़ने लग गयी। इसी तरह डिजिटल जर्नलिज्म ने भी अपनी गति पकड़ ली।
अमेरिका से शुरू हुई डिजिटल जर्नलिज्म की क्रान्ति
डिजिटल जर्नलिज्म के बढ़ते विकासक्रम के दौर में सन 2008 में अमेरिका ने सभी प्रकार के न्यूज पेपर्स को इंटरनेट के माध्यम से ही पब्लिश किया। यहां पर युवा न्यूज को डिजीटल रूप में ही पढ़ना पसंद करने लगें। यह एक कारण था जहाँ विभिन्न न्यूज पेपर्स और न्यूज चैनलों ने अपनी न्यूज पोर्टल वेबसाइट का निर्माण भी तेज कर दिया। अब दर्शक ही नहीं बल्कि पत्रकार भी इंटरनेट का प्रयोग करने लगें साथ ही न्यूज पोर्टल वेबसाइट(News Website) एवं डिजिटल मीडिया में तेजी से वृद्धि होने लगी।
पीयू रिसर्च सेंटर की रिर्पोट के अनुसार 18 से 29 वर्ष की आयु के 65 प्रतिशत युवा तो ज्यादातर न्यूज को इंटरनेट के माध्यम से ही प्राप्त करते हैं, क्योंकि नए न्यूज पेपर की साइटों के लांच होने के कारण, सभी न्यूज संगठनों द्वारा भी ऑनलाइन न्यूज में लगातार इन्वेस्टमेंट किया जाने लगा जिससे इंटरनेट पर न्यूज पोर्टल रीडर्स की संख्या भी बढ़ने लगी। फलतः डिजिटल जर्नलिज्म, मीडिया का सबसे व्यापक रूप बनकर आज उभर रहा है।
अपने पाठकों के अनुकूल है डिजिटल जर्नलिज्म
डिजिटल जर्नलिज्म आज बाकी अन्य न्यूज ऑर्गनाइजेशन को चुनौती दे रहा है। इस मीडिया में यूजर के इंट्रेस्ट के अनुरूप ही विज्ञापन प्रसारित किए जाते हैं, जिससे न्यूज रीडर इन्हें नए ढंग से पढ़ सकते हैं। इन न्यूज पोर्टल वेबसाइट पर क्लासीफाइड एड कम ही होते हैं, क्योंकि ये क्लासिफाइड एड तो भौगोलिक सीमा में या विभिन्न संस्करणों में प्रकाशित होते हैं, जो कि डिजिटल जर्नलिज्म में पॉसिबल ही नहीं है। हालांकि पूर्व में इन पर विज्ञापन देने की कोई निर्धारित नीति नहीं थी लेकिन अब इस मीडिया में भी विज्ञापन देने के लिए सीमा व शुल्क निर्धारित कर दिए गए हैं। साथ ही प्रिंट मीडिया के समान इनका सर्कुलेशन वितरण भी अब नहीं होता है।
डिजिटल जर्नलिज्म का प्रभाव
डिजिटल जर्नलिज्म का दूसरा पहलू यह भी है कि पाठक अब इस मीडिया पर न्यूज को कम कीमत में प्राप्त कर लेता है, अर्थात मात्र इंटरनेट डेटा से खबर मिल जाती है जबकि अन्य किसी भी मीडिया जैसे न्यूज पेपर, मैग्जीन या न्यूज चैनल से न्यूज जानने के लिए उसे शुल्क चुकाना पड़ता है।
न्यूज पेपर बिजनेस पर प्रभाव
डिजिटल जर्नलिज्म के कारण न्यूज पेपर बिजनेस एवं विज्ञापन बिक्री नीति व कमर्सियल मॉडल, पब्लिकेशन बिजनेस, वितरण एवं सर्कुलेशन पर बहुत अधिक प्रभाव भी पड़ा है। लेकिन इसका भविष्य अभी भी चिंता करने लायक है क्योंकि डिजिटल जर्नलिज्म की लोकप्रियता के कारण भविष्य में बडे़ शहरों में न्यूज पेपर नहीं होंगे या कम संख्या में होंगे या फिर न्यूज पेपर अन्य न्यूज पेपर्स के साथ मिलकर संयुक्त रूप से उन्हें प्रकाशित करेंगे, विभिन्न संस्करण भी समाप्त हों जाएंगे।
भारतीय भाषाओं का बढ़ता प्रभाव
डिजिटल जर्नलिज्म के विकास के लिए भारतीय भाषा में डिजिटल खबरो की सन 2000 से ऑनलाइन संस्करण में तेजी से दिखाई देने लगी।
विभिन्न न्यूज पेपर्स, मैगजीन्स एवं पब्लिकेशन हाउस ने अपने ऑनलाइन पब्लिकेशन शुरू कर दिए। आज भारत में अधिकतर ऑनलाइन समाचार हिंदी भाषा में उपलब्ध हैं। इस समय भारतीय भाषाओं में करीब दस करोड़, साठ लाख यूजर्स इंटरनेट केे जरिए खबर को पढ़ते हैं। एक अनुमान के मुताबिक सन 2021 में यह संख्या बढ़कर अठ्ठाइस करोड़ चालीस लाख हो चुकी है। कुल मिलाकर सोशल मीडिया, फेसबुक, टिव्टर समेत तमाम इंटरनेट प्लेटफार्म पर हिंदी भाषा का महत्व सब बढ़ने लगेगा जिसका मुख्य कारण डिजिटल जर्नलिज्म का विकास है।
वर्तमान में डिजिटल जर्नलिज्म के मुख्य स्त्रोत
डिजिटल जर्नलिज्म के वर्तमान की क्रांति आज डिजिटल मंचो के साथ काफी सारे सोशल मीडिया मंचो तक पहुँच चुकी है। आगे हम क्रमशः उन डिजिटल मंचो की बात करेंगे जो डिजिटल जर्नलिज्म को बढ़ावा दे रहा है।
न्यूज पोर्टल
न्यूज पोर्टल, सर्च इंजन में मौजूद वह न्यूज वेबसाइट है जिसमें खबरों को लिखकर डिजिटल पत्रकार, पाठकों तक साझा करते हैं। न्यूज पोर्टल डिजिटल जर्नलिज्म का सबसे प्रमुख और अभिन्न अंग है जो आज भी सबसे ज्यादा यूजर्स की डिमांड में है।
न्यूज पोर्टल को ब्लॉगर, वर्डप्रेस जैसे सोशल मीडिया मंचो के द्वारा संचालित किया जाता है।
न्यूज पोर्टल से सम्बंधित समस्त जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट 7knetwork.com पर विजिट कर सकते हैं।
पाठकों की जानकारी के लिए हम बता दे कि हमारी कम्पनी 7k नेटवर्क, न्यूज पोर्टल, वेबसाइट, न्यूज एप समेत डिजिटल पत्रकारिता को बढ़ावा देने वाले संसाधनो का विकास करती है जिसको काफी किफायती दामों में यूजर्स तक हम उपलब्ध कराते हैं।
न्यूज वेबसाइट
न्यूज वेबसाइट भी न्यूज पोर्टल की ही भांति डिजिटल पत्रकारिता का अभिन्न अंग है। यहां पर भी भिन्न भिन्न प्रकार की खबरों को कैटेगरी वाइस डिजिटल तरीके से प्रकाशित किया जाता है। न्यूज वेबसाइट के माध्यम से आप आसानी से खबरों के वीडियो को भी अपने यूजर्स तक पहुँचा सकते हैं। न्यूज वेबसाइट को भी आप वर्डप्रेस, ब्लॉगर जैसे विभिन्न सोशल मीडिया मंचो के माध्यम से संचालित कर सकते हैं।
न्यूज वेबसाइट से सम्बंधित समस्त जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट 7knetwork.com पर विजिट कर सकते हैं।
यू-ट्यूब
यू ट्यूब वर्तमान में पत्रकारिता करने के लिए यू ट्यूब के उपरांत सबसे ज्यादा लोकप्रिय संसाधन है। काफी सारे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार आज डिजिटल जर्नलिज्म को अपनाकर यू ट्यूब के माध्यम से अपने पत्रकारिता को डेवलप कर रहे हैं एवं डिजिटल जर्नलिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं।
उदाहरण के लिए अभी हाल ही में एनडीटीवी के मशहूर न्यूज एंकर रवीश कुमार ने एनडीटीवी से रिजाइन कर के यू ट्यूब के माध्यम से डिजिटल जर्नलिज्म को अपनाया है।
यू ट्यूब जर्नलिज्म से सम्बंधित समस्त जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट 7knetwork.com पर विजिट कर सकते हैं।
फेसबुक
फेसबुक भी आज पत्रकारिता करने का विशाल मंच बन चुका है। काफी सारे पत्रकार आज फेसबुक के माध्यम से अपनी पत्रकारिता कर रहें हैं। डिजिटल जर्नलिज्म के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए फेसबुक ने भी मेटा जर्नलिस्ट बनाने का फैसला कर दिया है और पत्रकारों को फेसबुक जर्नलिज्म से जुड़ने का खास अवसर प्रदान किया हुआ है।
फेसबुक जर्नलिज्म से सम्बंधित समस्त जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट 7knetwork.com पर विजिट कर सकते हैं।
ई पेपर
ई-पेपर भी न्यूज पेपर के ही तर्ज पर विकसित किया हुआ डिजिटल जर्नलिज्म का ही उत्पाद है। ई पेपर के माध्यम से यूजर्स किसी भी खबर को अपने फोन के स्क्रीन पर ही न्यूज पेपर की तरह पढ़ सकते हैं।
ई पेपर से सम्बंधित समस्त जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट 7knetwork.com पर विजिट कर सकते हैं।
निष्कर्ष
डिजिटल जर्नलिज्म का प्रभाव आज वैश्विक स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुका है। डिजिटल जर्नलिज्म की शुरुआत से, वर्तमान मे नवोदित पत्रकारों(Digital Journalist) को अपनी प्रतिभा दिखलाने के नए नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं। डिजिटल जर्नलिज्म का बढ़ता प्रभाव, व्यक्ति को वर्तमान और भविष्य में किसी भी ब्रेकिंग न्यूज को सबसे पहले प्राप्त करने का जरिया बना रहा है। डिजिटल जर्नलिज्म को बढ़ावा देने का कार्य विगत कई वर्षों से हमारी कम्पनी भी करते आ रही है जो विभिन्न प्रकार के नवोदित पत्रकारों को अपने डेवलप किए हुए न्यूज पोर्टल, न्यूज वेबसाइट, न्यूज एप(News App Development) एवं ई पेपर के माध्यम से नए नए अवसर प्रदान की हुई है।